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Workshop was organized to promote handicrafts and make the goods available by the women of self-help groups formed under the National Rural Livelihood Mission

Publish Date : 30/09/2019
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रूद्रपुर 27 सितम्बर- जिला प्रशासन उधमसिंह नगर के सहयोग से हस्त शिल्प को बढावा देने व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्चयं सहायता समूहो की महिलाओ द्वारा निर्मित सामान को बाजार उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल की अध्यक्षता मे एक स्थानीय होटल मे कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल द्वारा दीप प्रज्जवलन कर व लोगो का उद्घाटर कर किया गया। जिलाधिकारी ने कहा प्रथम चरण मे भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही श्यामा प्रसाद मुखर्जी ररबन मिशन के अन्तर्गत पहेनियां क्लस्टर के अन्तर्गत चयनित 07 ग्रामो की महिलाओ द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार मे पहचान देने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोेजन किया गया है। उन्होने कहा इसका श्रेय मुख्य विकास अधिकारी व उनकी टीम को जाता है। उन्होने कहा आज जो आधारशिला रखी है यह मील का पत्थर साबित होगी, भविष्य मे इसके अच्छे परिणाम आयेंगे। उन्होने कहा जब किसी कार्य की शुरूआत होती है तो उसमे लगातार सुधार होते जाते है। उन्होेने कहा इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप मे शुरू किया जा रहा है। पहेनिया के अलावा जनपद के अन्य स्थानो पर निर्मित होने वाले हस्त शिल्प को भी विशेषज्ञो की राय के अनुसार गुणवत्तायुक्त व अच्छे डिजाईन के साथ बनाकर बाजार उपलब्ध कराया जायेगा ताकि जनपद के अधिक से अधिक लोग स्वरोजगार से जुड सके।
मुख्य विकास अधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा बाजार की मांग के अनुसार यहां के हस्तशिल्प की गुणवत्ता व डिजाईनिंग तैयार कराने हेतु इस क्षेत्र के विशेषज्ञो से इस कार्य के लिए सहयोग लिया जा रहा है ताकि यहां के हस्तशिल्प को अच्छी पहचान मिल सके। उन्होने कहा इस कार्य के लिए डिजायनिंग आदि मे सुधार करने हेतु यदि मशीनो की आवश्यकता होगी तो उसमे भी विचार किया जायेगा। उन्होने कहा जो समूह इस कार्य मे रूची लेंगे विशेषज्ञो को उसी गांव मे भेेजकर बाजार की मांग के अनुसार उनके उत्पादित सामान की गुणवत्ता व डिजाईनिंग मे सुधार किया जायेगा ताकि सामान को उचित बाजार मिल सके। कार्यशाला मे अरूप दत्ता ने कहा स्वयं सहायता समूहो की महिलाएं जो हस्त शिल्प बनाना जानती है वह हमारे लिए सीख है। उन्होने कहा जो भी प्रोडक्ट बनाये जाए उसमे यह जरूरी है कि हमे अधिक से अधिक मुनाफा कैसे हो सकता है। उन्होने कहा दुनियां मे आज हस्तशिल्प के क्षेत्र मे 300 मिलियन डालर का कारोबार है। उन्होने कहा हम जो भी प्रोडक्ट बनाये वह आकर्षक व गुणवत्तायुक्त हो। माॅन एमी फाउन्डेशन की अनुराग राना ने कहा हस्तशिल्प के क्षेत्र मे हमे आज की टैक्नालाजी के अनुसार सुधार करना होगा। उन्होने कहा जो भी प्रोडक्ट बनाया जाए उसका रा मेटेरियल अच्छी गुणवत्ता का हो। प्रोडक्ट का आकार, डिजाईन व रंग मार्केट की मांग के अनुसार होनी चाहिए। कार्यशाला मे फैब इन्डिया की दीर्घा दुग्तल ने कहा हम स्वयं सहायता समूहो की महिलाओ के सहयोग से बाजार मे कुछ नये प्रोडक्ट तैयार कर उतारेंगे। एचडीएफसी बैंक के अजय बी चैधरी ने कहा एचडीएफसी बैंक हस्तशिल्प को बढावा देने के लिए ई-मार्केट पेलेस देगा ताकि यहां उत्पादित सामान को अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट मिल सके।
कार्यशाला मे अपर जिलाधिकारी जगदीश चन्द्र काण्डपाल, परियोजना निदेशक डीआरडीए हिमांशु जोशी, डीडीओ अजय सिंह, महाप्रबन्धक उद्योग सीएस वोहरा, सीएमओ डा0 शैलजा भट््ट, मुख्य शिक्षा अधिकारी एके सिंह सहित केजीसीसीआई के अध्यक्ष अशोक बंसल, पहेनियां क्लस्टर की महिलाओ के साथ ही मार्केटिग, डिजायनिंग के विशेषज्ञ उपस्थित थे।
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