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Under the chairmanship of District Magistrate Yugal Kishore Pant, an important meeting with the school management and parents was held in Dr. APJ Abdul Kalam Auditorium on Friday

Publish Date : 03/09/2022
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रुद्रपुर 02 सितम्बर 2022- जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त की अध्यक्षता में स्कूल प्रबन्धन तथा अभिभावकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में सम्पन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने कहा कि बसों के माध्यम से विद्यार्थियों को सुरक्षित लाना व ले जाना स्कूल प्रबन्धन एवं संचालकों का दायित्व है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी प्रबन्धक एवं संचालक सीबीएसई द्वारा जारी गाइड लाइन को भलि भांति समझलें। उन्होंने सुरक्षात्मक दृष्टि से निर्देशित करते हुए कहा कि जिन वाहनों की अभी तक फिटनेस नहीं हुई है, एक सप्ताह के भीतर फिटनेस कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि बसों के ड्राईवर, कन्डक्टर सहित सभी स्टॉफ का पुलिस सत्यापन जरूर कराया जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि बस ओवर लोडिंग कतई नहीं होनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने विगत दिवस हुई गैस रिसाव की दुर्घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि छोटी से छोटी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है, इसलिए सभी प्रबन्धन एवं संचालक गाइड लाइन का शतप्रतिशत अनुपालन करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने सड़क सुरक्षा नियमों, मोटर वाहन अधिनियमों के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करने हेतु वृहद्ध अभियान चलाने के निर्देश पुलिस तथा परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिये।
बैठक में एआरटीओ बीके सिंह ने केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा स्कूल बसों को लेकर जारी की गई नई गाइडलाइन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि बस का रंग पीला होना चाहिए, आगे-पीछे स्कूल बस लिखा हो, किसी एजेंसी से बस अनुबंध पर ली है तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए, बसों में फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए, जिसमें दवाईयां एक्सपायरी डेट की न हों, स्पीड गर्वनर, खिड़कियों में होरिजोंटल ग्रिल जाली लगी हो, आग बुझाने के उपकरण, स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा हो, बस में सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। बस ड्राइवर को कम से कम 5 साल हैवी व्हीकल चलाने का अनुभव होना चाहिए। बच्चों की देखबाल के लिए एक महिला अटेण्डेंट जरूर होनी चाहिए। बस में आपातकालीन निकास द्वार हो, बस में पर्दे या शीशे पर फिल्म न हो, ताकि अंदर की गतिविधि दिख सके, बस में अंदर पर्याप्त रोशनी होना चाहिए, बच्चों की सुरक्षा के लिए बसों की सीट गैर ज्वलनशील सामग्री से बनी होनी चाहिए, बस चालकों के पास वैध रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, परमिट, पीयूसी और बीमा होना चाहिए, बस में इमरजेंसी सायरन और अलार्म बेल होना चाहिए, स्कूल प्रबंधक व संचालक जीपीएस और सीसीटीवी के जरिए बसों पर निगरानी रखें। एआरटीओ ने गाइड लाईन के सभी बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में एएसपी क्राईम अभय कुमार, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्य, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक एके सिंह, खण्ड शिक्षा अधिकारी गुंजन अमरोही, स्कूल संचालकों एवं प्रबन्धकों में चौधरी विनोद सिंह फोगाट, भुवन काण्डपाल, सतपाल सिंह, परविन्दर कुमार, रोहित सिंह, नीतेश सरकार, सन्दीप यादव, मनोज कुमार, विजय सिंह, बंशीधर, महेन्द्र सिंह, मौ.इसरार अली, राजेश कुमार, अजीत कुमार आदि उपस्थित थे।
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